नई दिल्ली, 30 जून 2024: भारतीय सेना ने भविष्य की संचार तकनीकों के शोध और विकास पर काम करने के लिए एक विशिष्ट तकनीकी यूनिट ‘एसटीईएजी’ (स्पेशल टेक्निकल एंड इंटेलिजेंस गेटवे) का गठन किया है। यह यूनिट 5जी, 6जी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उभरती हुई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

एसटीईएजी का उद्देश्य सेना के लिए संचार प्रणालियों को आधुनिक बनाना और उन्हें युद्ध के मैदान में बेहतर कनेक्टिविटी और क्षमताएं प्रदान करना है। यह यूनिट सेना के विभिन्न अंगों और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर काम करेगी।
एसटीईएजी की स्थापना सेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह बदलते युद्ध के माहौल में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद करेगी। आधुनिक युद्ध में, संचार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सेनाओं को वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त करने और समन्वय करने में सक्षम होना चाहिए। एसटीईएजी सेना को इन क्षमताओं को विकसित करने और युद्ध के मैदान में बढ़त हासिल करने में मदद करेगा।
एसटीईएजी पर काम करने वाले कुछ प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं:
- 5जी और 6जी संचार प्रणालियों का विकास
- एआई-संचालित संचार समाधान
- क्वांटम संचार
- साइबर सुरक्षा
- इलेक्ट्रॉनिक युद्ध
एसटीईएजी की स्थापना सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यूनिट सेना को भविष्य के युद्ध के लिए तैयार करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगी।
इस खबर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- भारतीय सेना ने भविष्य की संचार तकनीकों पर काम करने के लिए एसटीईएजी नामक एक नई यूनिट का गठन किया है।
- एसटीईएजी 5जी, 6जी, एआई, क्वांटम संचार, साइबर सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे क्षेत्रों पर काम करेगा।
- इस यूनिट का गठन सेना को आधुनिक बनाने और भविष्य के युद्ध के लिए तैयार करने में मदद करेगा।
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